तुम रच्छक काहू को डर ना ॥२२॥ आपन तेज सह्मारो आपै । भूत पिशाच निकट नहिं आवै। महावीर जब नाम सुनावै॥ नारद सारद सहित अहीसा ॥१४॥ जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते । मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। It is your decision; there https://directory4web.com/listings13181092/hanuman-mantra-options